ब्रांड प्रीमियम की जरूरत नहीं?
कंज्यूमर्स पर दमदार असर छोड़ने के लिए ब्रांड का प्रीमियम वसूल करना जरूरी नहीं है। पतंजलि के प्रॉडक्ट्स दूसरी कंपनियों के उसी कैटेगरी के प्रॉडक्ट्स से सस्ते हैं। इक्रीएट वैल्यू एडवाइजर्स के फाउंडर और मैरिको के फॉर्मर सीएफओ मिलिंद सरवटे कहते हैं, 'ब्रांड्स का प्रीमियम वसूल करने और उस प्रीमियम का इस्तेमाल करके ज्यादा विज्ञापन देने के लॉजिक को पतंजलि ने उलट पुलट कर दिया है।'
प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी ही USP
पतंजलि ने एक बार फिर से फोकस प्रॉडक्ट की क्वॉलिटी पर ला दिया है। प्रॉडक्ट्स के लिए जरूरी है कि वे विज्ञापनों के शोर से ऊपर उठकर कंज्यूमर्स को वैल्यू प्रोवाइड करें। पतंजलि के दो सबसे पॉपुलर ब्रांड्स में घी और टूथपेस्ट हैं जबकि इस सेगमेंट में पहले से ही कई देसी-विदेशी कॉम्पिटिटर्स हैं। स्पार्क कैपिटल की हालिया सेक्टर रिपोर्ट के मुताबिक, मार्केट में मची उथलपुथल शॉर्ट टर्म में मुश्किलें पैदा करने वाली होगी लेकिन इससे एफएमसीजी प्रॉडक्ट की गुणवत्ता पर फोकस बढ़ेगा।
मजबूत ब्रांड अंबेसडर
योग गुरु बाबा रामदेव खुद हर्बल और ऑर्गेनिक पतंजलि प्रॉडक्ट्स को प्रमोट करते हैं। इससे साबित होता है कि सेलेब्रिटी के एंडोर्समेंट से प्रॉडक्ट को तभी फायदा होता है जब प्रॉडक्ट के साथ उनका गहरा जुड़ाव हो। पिछले साल मैगी पर रोक लगने के बाद उसके ब्रांड अंबेसडर्स की भी कड़ी आलोचना हुई थी।
ग्राहक देवता है
पतंजलि के उभार से एफएमसीजी कंपनियों को होशियार कर दिया। उसने कंज्यूमर्स को कम कीमत पर बेहतर प्रॉडक्ट्स मुहैया कराए। इसने एफएमसीजी कंपनियों को याद दिला दिया कि ग्राहकों की कीमत पर लंबे समय तक मोटा मार्जिन नहीं बनाया जा सकता।
नए ट्रेंड शुरू करने के मौके
पतंजलि ने यह साबित कर दिया है कि इंडस्ट्री में किसी भी वक्त नया ट्रेंड शुरू किया जा सकता है। मार्केट में बहुत ज्यादा भीड़ होने और कमजोर डिमांड होने के बावजूद पतंजलि के प्रॉडक्ट्स अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। इंडस्ट्री ट्रैक करने वाले एक एनालिस्ट ने कहा, 'इससे पता चलता है कि इंडस्ट्री में हमेशा नया करने का मौका होता है, जिसको दोहराना और कॉम्पिटिशन देना आसान नहीं है।'
मैनेजमेंट का अहम रोल
पिछले कुछ साल में पतंजलि बड़ी तेजी से 5000 करोड़ रुपये की एफएमसीजी कंपनी बन गई, जबकि दूसरी कंपनियों को यहां तक पहुंचने में कई साल लगे। सरवटे कहते हैं, 'फॉर्मल मैनेजमेंट स्ट्रक्चर बहुत ज्यादा जटिलता के चलते कई बार बिजनेस ग्रोथ को सुस्त बना देती है।'
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